बुन्देलखण्ड बनेगा औद्योगिक नगरी
खबरों में क्यों-
नोएडा की तर्ज पर बुन्देलखण्ड औद्योगिक टाउनशिप को यूपी कैबिनेट की मंजूरी । राज्य के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रस्तावित औद्योगिक टाउनशिप परियोजना के पहले चरण में झाँसी जिले के 33 राजस्व गांवों में 35,000 एकड़ भूमि पर बनेगी।
मुख्य बिंदु-
- राज्य के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रस्तावित औद्योगिक टाउनशिप परियोजना के पहले चरण में झाँसी जिले के 33 राजस्व गांवों में 35,000 एकड़ भूमि पर बनेगी।
- 1976 में स्थापित नोएडा (न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की तरह एक नई औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
- टाउनशिप को 6,312 करोड़ रुपये की लागत से 35,000 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा, जिसमें से पिछले वित्तीय वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
- मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तार एवं नवीन औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत ऋण के रूप में 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
- बुन्देलखण्ड को हाल ही में कई बड़ी-बड़ी परियोजनाएँ मिली हैं क्योंकि इस क्षेत्र के चार लोकसभा क्षेत्रों झाँसी, जालौन, हमीरपुर और बांदा ने पिछले दो संसदीय चुनावों में भाजपा को वोट दिया है।
क्यों ख़ास है बुंदलखंड का इतिहास-
- भारतवर्ष के मध्य भाग में नर्मदा के उत्तर और यमुना के दक्षिण में विद्यांचल पर्वत की शाखों से लगा हुआ और यमुना की सहायक नदियों के जल से सिंचित सौंदर्य प्रदेश है उसे बुंदेलखंड कहते हैं।
- बुंदेलखंड बुंदेल राजपूतों के नाम पर प्रसिद्ध है जिनके राज्य की स्थापना 14वीं शती में हुई थी।
- इससे पूर्व यह प्रदेश जुझौती अथवा जेजाकभुक्ति नाम से जाना जाता था और चंदेलों द्वारा नवीं से चौदहवीं शताब्दी तक शासित होता रहा।
राज्य के प्रमुख नगर थे-
- खजुराहो , जिला छतरपुर - खजुराहो में आज भी अनेक भव्य वास्तुकृतियाँ अवशिष्ट हैं।
- महोबा , जिला हमीरपुर तथा कालिंजर - कालिंजर में राज्य की सुरक्षा के लिए एक मज़बूत क़िला था। शेरशाह इस क़िले की घेराबन्दी के समय 1545 ई. के समय यहीं मारा गया था।
- बांदा जिला
बुन्देल में जन्मे अनेक विभूति-
- आल्हा -उदल
- ईसुरी
- कवि पद्माकर
- झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
- डॉ. हरिसिंह गौर
यहाँ के लोग बुन्देली बोली बोलने के कारण ही बुन्देल कहलाए। बुन्देलखण्ड के रुपायन का गहरा सम्बन्ध महाराजा छत्रसाल के महत्त्वपूर्ण स्थान जेजाकभुक्ति से है।
पौराणिक इतिहास-
- मनु मानव समाज के आदि पुरुष बुंदेलखंड के इतिहास और समस्त भारतीय इतिहासों में हैं।
- इनकी प्रसिद्धि उत्तम-शासन व्यवस्था को देने और कोसल देश में अयोध्या को राजधानी बनाने में है।
- महाभारत और रघुवंश के आधार पर माना जाता है कि इक्ष्वाकु के तीसरे पुत्र दण्डक ने विन्द्यांचल पर्वत पर अपनी राजधानी बनाई थी।
बुंदेलखंड मौर्यकाल-
- वर्तमान खोजों तथा प्राचीन कलाओं के आधार पर कहा जाता है कि प्राचीन चेदि जनपद बाद में पुलिंद देश के साथ मिल गया था।
- एरण की पुरातात्विक खोजों और उत्खननो से सबसे प्राचीन साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
- ये साक्ष्य 300 ई. पू. के माने गए हैं। इस समय एरण का शासक धर्मपाल था जिसके संबंध में मिले सिक्कों पर "एरिकिण" मुद्रित है।