जल जीवन मिशन

न्यूज़ में क्यों?

  1. एक रिपोर्ट के अनुसार,मार्च 2024 तक केवल 75% घरों में पानी का कनेक्शन होने की संभावना है। देरी के कई कारण है, जिसमें महामारी भी शामिल है, जिसने परिचालन धीमा कर दिया, और रूस-यूक्रेन युद्ध, जिसके कारण धातु पाइप के निर्माण के लिए कच्चा माल की कमी हुई।

जल जीवन मिशन (JJM) क्या है?

  1. ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू कार्यात्मक नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई है ।
  2. यह कार्यक्रम अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों(source sustainability measures) को भी लागू करेगा,
  3. जैसे- कि ग्रे वाटर प्रबंधन, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण और पुन: उपयोग।
  4. यह पानी के प्रति सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित होगा और इस मिशन के प्रमुख घटक के  रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल होगा।
  5. यह पानी के लिए एक जन आंदोलन है, जिससे यह हर किसी की प्राथमिकता बन सके।
  6. 2019 में लॉन्च किया गया जल जीवन मिशन,जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग के अंतर्गत आता है।
  7. इसने 'समानता और समावेशन' के सिद्धांत को अपनाया , यह सुनिश्चित करता है  कि गांव में नल के पानी कनेक्शन और नियमित जल आपूर्ति से 'कोई भी वंचित न रहे', विशेष रूप से कमजोर और हाशिए वाले वर्ग ।
  8. केंद्र और राज्यों के बीच फंड-साझाकरण पैटर्न:  हिमालयन और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 90:10, अन्य राज लिए 50:50 और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 100,

जल जीवन मिशन के तहत किये गये सुधार:-

  1. 'बस्तियों से घरों तक' जल आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित करना: अब तक, पीने के पानी की आपूर्ति बस्ती स्तर पर प्रदान की जाती थी लेकिन अब जेजेएम के तहत, प्रत्येक ग्रामीण घर में नल के पानी का प्रावधान किया जा रहा है।
  2. सेवा वितरण,सार्वजनिक उपयोगिता और कार्यक्षमता पर ध्यान केंद्रित करना -: जेजेएम के तहत, केवल जल आपूर्ति बुनियादी ढांचे के निर्माण के बजाय हर घर में पीने योग्य पानी की सुनिश्चित आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  3. जल आपूर्ति योजनाओं की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक स्वामित्वः पारदर्शिता सुनिश्चित करने और लोगों को अधिकार देने के लिए, स्थानीय समुदाय की मांग और आवश्यकता के अनुसार जल आपूर्ति कार्य किया जाता है।एक विकेंद्रीकृत,मांग-संचालित, समुदाय-प्रबंधित दृष्टिकोण का पालन करके जल आपूर्ति की योजना बनायी गयी और कार्यान्वित की जा रही है।
  4. जल आपूर्ति के प्रबंधन में महिलाओं और कमजोर वर्गों की केंद्रीय भूमिका: ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी)/पानी समितियों में न्यूनतम 50% महिलाएं होनी चाहिए और समाज के कमजोर वर्गों  का आनुपातिक प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
  5. बच्चों पर विशेष ध्यान :  स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्र ,आश्रमो में पाइप से पानी की आपूर्ति ।
  6. गुणवत्ता-प्रभावित बस्तियों में पीने योग्य पानीः शिशुओं और बच्चों में जल-जनित बीमारियों का खतरा अधिक होता है। जेजेएम के तहत, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और आश्रमो  (आवासीय आदिवासी स्कूलों) में पाइप से पानी की आपूर्ति का प्रावधान प्राथमिकता पर किया जाना है।
  7. महिलाओं को शामिल करते हुए स्थानीय समुदाय द्वारा पानी की गुणवत्ता की निगरानी : सुनिश्चित सेवा वितरण के लिए प्रबुद्ध नागरिक आवश्यक हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, प्रत्येक गांव में कम से कम पांच व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं को, ग्रामीण स्तर पर पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए फील्ड टेस्ट किट (FTKs) का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना है।
  8. दीर्घकालिक पेयजल सुरक्षा के लिए अभिसरण : प्रत्येक गांव को पेयजल स्रोतों, जल आपूर्ति प्रणालियों, गंदे पानी के पुन: उपयोग और दीर्घकालिक और नियमित नल के पानी के लिए इन प्रणालियों के संचालन और रखरखाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक ग्राम कार्य योजना (वीएपी) तैयार करनी है।
  9. हर घर में पानी आपूर्ति को हर किसी का व्यवसाय बनाना : जेजेएम को भागीदारीपूर्ण तरीके से कार्यान्वित किये जाने के लिये स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), गैर सरकारी समुदाय आधारित संगठन, स्वैच्छिक संगठन आदि जागरूकता बढ़ाने, सामुदायिक गतिशीलता लाने  और सहायता प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
  10. पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए तकनीकी का उपयोग  : पारदर्शिता, जवाबदेही,धन और सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए, निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं-
  • वास्तविक समय में जेजेएम के तहत भौतिक और वित्तीय प्रगति को पकड़ने के लिए एक मजबूत जेजेएम- आईएमआईएस और सार्वजनिक डोमेन में एक समर्पित 'डैशबोर्ड' विकसित किया गया है।
  • सभी हितधारकों के उपयोग के लिए एक समर्पित 'मोबाइल ऐप' विकसित किया गया है।
  • वास्तविक समय के आधार पर गांवों में मात्रा, गुणवत्ता और नियमितता के लिए जल आपूर्ति की माप और निगरानी के लिए सेंसर - आधारित IoT समाधान;
  • जेजेएम के तहत बनाई गई प्रत्येक संपत्ति को जियो टैगिंग का प्रावधान;
  • घर के मुखिया' के आधार नंबर के साथ नल कनेक्शन को जोड़ना;
  • सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से सभी लेनदेन;
  • एक व्यापक जेजेएम - जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली (जेजेएम - डब्ल्यूक्यूएमआईएस) विकसित किया गया ।

 

जेजेएम का प्रदर्शन

  1. कई व्यवधानों के बावजूद, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों ने जल जीवन मिशन को लागू करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं।
  2. देश में 11.66 करोड़ (60%) से  अधिक ग्रामीण परिवारों को उनके घरों में नल के जल की आपूर्ति प्रदान की गई है।
  3. 5 राज्यों गुजरात, तेलंगाना, गोवा, हरियाणा और पंजाब तथा 3 केंद्र शासित प्रदेशों अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दमन दीव और दादरा नगर हवेली और पुडुचेरी ने 100% कवरेज की सूचना दी है।देश, सभी ग्रामीण परिवारों को नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार प्रगति कर रहा है।
  4. भारत में 1.55 लाख से अधिक गांवों (कुल गांवों का 25%) ने अब तक 'हर घर जल' की सूचना दी है, यानी, इन गांवों में हर घर को अपने घरेलू परिसर में नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल तक पहुंच है।            
  • केवल 3 वर्षों में, 8.42 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों और 40 करोड़ से अधिक लोगों (प्रति ग्रामीण परिवार में 4.95 व्यक्ति, स्रोत आईएमआईएस) को कार्यक्रम के तहत लाभ हुआ है।