कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव

समुद्री पड़ोसियों के बीच समन्वय और सहयोग हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सुरक्षा की कुंजी है। इसी के मद्देनजर भारतीय तट रक्षक ने कोलकाता में कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव के तत्वावधान में टेबल टॉप अभ्यास का चौथा संस्करण आयोजित किया।

कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव में भारतीय तट रक्षक के अलावा, बांग्लादेश, मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, श्रीलंका और समुद्री क्षेत्र में राष्ट्रीय हितधारकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

  1. गठन - कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव का गठन साल 2011 में भारत, श्रीलंका और मालदीव के त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह के रूप में किया गया था।
  2. सचिवालय - कोलंबो।
  3. उद्देश्य -- कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव हिंद महासागर क्षेत्र में सभी तटीय देशों से संबंधित क्षेत्रीय सहयोग और साझा सुरक्षा उद्देश्यों को रेखांकित करता है। इसका उद्देश्य क्षेत्र के लिए समुद्री सुरक्षा, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और समुद्री खोज और बचाव प्राथमिकताएं बनाना है। सामान्य समुद्री और सुरक्षा मंच पर  छह हिंद महासागर क्षेत्र के देशों का एक साथ आना एक उप-क्षेत्रवाद के विकास का संकेत देता है और यह वैश्विक संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है।
  4. कार्य - इसका गठन हिंद महासागर क्षेत्र में कार्यरत भारत, श्रीलंका और मालदीव के बीच एक त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह के रूप में किया गया था
  5. फोकस क्षेत्र - समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद का मुकाबला और साइबर सुरक्षा।
  6. 2020 में, मॉरीशस को समूह के सदस्य के रूप में जोड़ा गया।
  7. बांग्लादेश और सेशेल्स को पर्यवेक्षकों के रूप में शामिल किया गया।
  8. बांग्लादेश और सेशेल्स को समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है और उनके पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने की संभावना है।
  9. यह समूह भारत को हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक चिंताओं को दूर करने का अवसर प्रदान करता है,जबकि द्वीप और तटीय देशों को अपनी चुनौतियों का समाधान करने का अवसर प्रदान करता है।

2022 में समूह ने 5 स्तंभों का एजेंडा अपनाया -

  1. समुद्री सुरक्षा एवं संरक्षा
  2. आतंकवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला करना
  3. तस्करी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध का मुकाबला करना
  4. साइबर सुरक्षा और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी की सुरक्षा
  5. मानवीय सहायता और आपदा राहत