Aditya L1 है भारत का सूर्य पर पहला मिशन। जानें पूरी जानकारी।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला देश बनकर इतिहास रचने के कुछ ही दिनों बाद भारत ने सूर्य के लिए अपना पहला अवलोकन मिशन शुरू किया है।


मुख्य बिंदु

  • Aditya L1 ने 2 सितंबर को 11:50 (IST) बजे (06:20 जीएमटी) श्रीहरिकोटा के लॉन्च पैड से उड़ान भरी।
  • यह पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी (932,000 मील) की दूरी तय करेगा जो कि पृथ्वी-सूर्य की दूरी का 1% है।
  • भारत की अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि इतनी दूर यात्रा करने में चार महीने लगेंगे।
  • सौर मंडल की सबसे बड़ी वस्तु का अध्ययन करने के लिए भारत के पहले अंतरिक्ष-आधारित मिशन का नाम सूर्य के नाम पर रखा गया है - सूर्य हिन्दुओं के देवता हैं जिन्हें आदित्य के नाम से भी जाना जाता है।
  • और L1 का अर्थ है लैग्रेंज पॉइंट 1  - सूर्य और पृथ्वी के बीच का सटीक स्थान जहां भारतीय अंतरिक्ष यान जा रहा है।
  • यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, लैग्रेंज पॉइंट एक ऐसा स्थान है जहां दो बड़ी वस्तुओं - जैसे कि सूर्य और पृथ्वी - के गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को ख़त्म कर देते हैं, जिससे एक अंतरिक्ष यान को "मँडराने" की अनुमति मिलती है।
  • एक बार जब आदित्य-एल1 इस "पार्किंग स्थान" पर पहुंच जाएगा, तो यह पृथ्वी के समान गति से सूर्य की परिक्रमा करने में सक्षम होगा। इसका मतलब यह भी है कि उपग्रह को संचालित करने के लिए बहुत कम ईंधन की आवश्यकता होगी।